इस युग का रावण कौन
हर वर्ष रावण का नाम ले
एक पुतले को भस्म किया
किन्तु जान सका न कोई
है इस युग का रावण कौन
हर हाथ सजे हैं तीर कमान
हर मुख जय श्री राम घोश
रावण की ललकार सुन क्यों
हर हृदय बसे श्री राम मौन
असंख्य शिख अनंत भुजाएं
अनेक रूपों में वह विद्यमान
रावण हर घर हर घाट प्रकट
श्री राम का क्यों भान गौण...
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